भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"थाम के गीत / 2 / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKLokRachna |भाषा=राजस्थानी |रचनाकार= |संग्रह= }} {{KKCatRajasthaniRachna}} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
12:06, 8 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण
राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
घड़ी दोय मायां हेटे आवो थे बाबोसा हुई छे धरम बेल्यां जी
करम तुम्हारो हे बाई धरम हमारो। बेटी परणाय जस लेस्यां जी।
घड़ी दोय मायां हेटे आवो। न काकी सा हुई छै धरम की बेल्या जी।
करम तुम्हारो है बाई धरम हमारो बेटी परणाय जस लेस्यां जी।
घड़ी दोय मायां हेटे आवो थे बीराजी हुई छे धरम बेल्यां जी
करम तुम्हारेा है बहण धरम हमारो। बहण परणाय जस लेस्यां जी।
घ् घड़ी दोय मायां हेटे आवो थे नानाजी हुई छे धरम बेल्यां जी
करम तुम्हारो हे बाई धरम हमारो। बेटी परणाय जस लेस्यां जी।
घड़ी दोय मायां हेटे आवो थे मामाजी हुई छे धरम बेल्यां जी
करम तुम्हारो हे बाई धरम हमारो। बेटी परणाय जस लेस्यां जी।