भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पहरावनी / 3 / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKLokRachna |भाषा=राजस्थानी |रचनाकार= |संग्रह=विवाह गीत / रा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
19:38, 11 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण
राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
माण्डो-माण्डो चौपड़िया रो ख्याल, तो सदा कंवर क्यूं हारिया जी।
माथा पर ली रखड़ी क्यूं नहीं हारी, पर सदा कंवर क्यूं हारिया जी।
पहली हारी गौरी थारां बाप, तो पाछे में भी हारिया जी।