भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"राष्ट्राध्यक्ष / निशांत" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशांत |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

19:08, 13 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

एक घोड़ा था
अपने डैनों को खोले
उड़ा जा रहा था स्वपनाकश में

एक साइकिल थी
दौड़ी चली जा रही थी हवा में
ट्रिन ट्रिन की आवाज के साथ

एक मछली थी
रात को आकाश में उड़ी जा रही थी
देशों के बीच से

कुछ
अद्भुत से दिखनेवाले लोग थे
जोकरों की पोशाक में
उनके एक हाथ में पृथ्वी थी
दूसरे में एक चाबूक

रोज रात में
घोड़े को
साइकिल को
और मछली को
साँप की तरह एक बार डँसते थे वे

पृथ्वी को उछालकर
चाबूक से पिटता था मुझे किसी-किसी दिन
दिन में उनमें से कोई बौना-सा आदमी।