भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पहली बरसात / निशान्त जैन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त जैन |अनुवादक= |संग्रह=शाद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:00, 17 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण
चुन्नू-मुन्नू देखो आई
मौसम की पहली बरसात,
गरमी से राहत देने को
लाई ठंडक का एहसास।
छतरी-रेनकोट लेकर ये
प्यारा सा मौसम आया,
गरम पकौड़ी खाने को है
मन सबका अब ललचाया।
टप-टप टपकें बूँदें जैसे
गिरते हों सच्चे मोती,
मानसून की ये बहार है
लाई खुशियों की थाती।