भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"चाह / शिवराम" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवराम |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:59, 17 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण
वह
तट खोज रहा है
मैं
समन्दर
वह
दो गज ज़मीन
मैं
दो पंख नवीन
उसे शांति की चाह है
मुझे बगावत की