भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तृप्ति-अतृप्ति / शिवराम" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवराम |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:00, 17 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण
आदर
उम्मीद से सौ गुना अधिक
प्यार
चाहत से बहुत-बहुत कम
यही तृप्ति-अतृप्ति
अपनी ज़िंदगी का दम-खम
पल-पल को जिया
विष भी-अमृत भी
यूँ नहीं
तो यूँ पिया
असंतुष्ट भी हूँ
संतुष्ट भी
जो पाना चाहा नहीं मिला
जो करना चाहा कर लिया