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"दोनों मजे में हैं / शिवराम" के अवतरणों में अंतर
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शहंशाह
आतंकित है
भेडिये से
भेड़िया आतंकित है
शहंशाह से
सारा जहां आतंकित है
भेड़िये से भी
और शहंशाह से भी
भेड़िया शहंशाह को मारने निकलता है
और मार डालता है निरीह जन
शहंशाह भेड़िये को मारने का हुक्म देता है
मारे जाते हैं आमजन
शहंशाह का दावा है
तोड़ दी गई है
भेड़िये की कमर
भेड़िये का दावा है
खिसका दी गई है
हवा शहंशाह की
सच्चाई तो यह है
कि, अभी दोनों मजे में हैं