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"रात / मंजूषा मन" के अवतरणों में अंतर

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19:11, 17 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

शाम का धुंधलका गहराते ही
सिमट कर सुकुड़ गई
कच्ची पगडंडी
दुबक कर छुप गई
पेड़ों के पीछे...

पक्का रास्ता,
और भी इठलाया,
उभर आया सामने
खड़ा हो गया
सीना ताने...