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"सकारात्मक सोच / निशान्त जैन" के अवतरणों में अंतर
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सकारात्मक सोच संग उत्साह और उल्लास लिए,
जीतेंगे हर हारी बाज़ी, मन में यह विश्वास लिए।
ऊहापोह-अटकलें-उलझनें, अवसादों का कर अवसान,
हों बाधाएं कितनी पथ में, चेहरों पर बस हो मुस्कान।
अंतर्मन में भरी हो ऊर्जा, नई शक्ति का हो संचार,
डटकर, चुनौतियों से लड़कर, जीतेंगे सारा संसार।
लें संकल्प सृजन का मन में, उम्मीदों से हो भरपूर,
धुन के पक्के उस राही से, मंज़िल है फिर कितनी दूर।
जगें ज्ञान और प्रेम धरा पर, गूंजे कुछ ऐसा सन्देश,
नई चेतना से जागृत हो, सुप्त पड़ा यह मेरा देश।