भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मेरी अम्मा / निशान्त जैन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त जैन |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

12:15, 19 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

मेरी अम्मा मेरी हिम्मत और मेरी पहचान,
तुमसे महके शान हमारी, तुमसे हो सम्मान।।

कोई सीखे तुमसे रिश्तों का संसार निभाना,
बड़ी -बड़ी बातों को छोटा समझ यूँ ही बिसराना,
संबंधों की ऊर्जा से हो रोशन तेरा नाम।

सबको साथ में लेकर चलना और फिर भी मुस्काना,
हर मुश्किल से लड़ना फिर भी बिलकुल ना घबराना,
रहे सलामत जज़्बा ये, हम सबका है अरमान।

सिर पर मेरे हाथ हमेशा, यूँ ही रहे तुम्हारा,
आँगन में खुशियों का यूँ ही बना रहे उजियारा,
अपनी छाया रखना हम पर, करना ये अहसान।

तेरी महक महकती जाये, धरती और गगन में,
तेरी चमक चमकती जाये, दुनिया के आँगन में,
यही कामना है तुमसे हो, हम सबकी पहचान।