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"पद / 5 / बाघेली विष्णुप्रसाद कुवँरि" के अवतरणों में अंतर

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सुन्दर सुरंग अंग अंग पै अनंग वारो,
जाके पद-पंकज में पंकज दुखारो है।
पीत पटवारो मुख मुरली सँवारो प्यारो,
कुण्डल झलक मुख मोर पंख धारो है॥
कोटिन सुधाकर को सुखमा सुहात जाके,
मुख माँ लुभाती रमा रंभा सी हजारो है।
नन्द को दुलारो श्रीयशोदा को पियारो,
जौन भक्त सुख सारो सो हमारो रखवारो है।