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"आम आदमी आयेगा / राजेश गोयल" के अवतरणों में अंतर

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गुन्डागर्दी नहीं चलेगी, आम आदमी आयेगा।
भ्रष्टाचारी कुर्सी छोड़ो, आम आदमी आयेगा॥

दफ्तर बाबू आता अब, दो रूपये घर से लाता है।
जेब शाम को घर पे देखे, लाखों रूपये पाता है॥

पशु हमारे भूखे मरते, चारा खा गये सारा तुम।
हाथ दलाली में काले, और सारे भ्रष्टाचारी तुम॥

पकड़ के बेटी दो गुन्डे, थाने में ब्याह रचाते हैं।
आनर किलिंग कानून बता, सूना ही रोब जमाते हैं॥

आपस में लड़ने भिड़ने से, देश तरक्की नहीं करेगा।
सदियोंसे सम्बन्ध हमारे, मिलजुल कर ही काम चलेगा॥

लोकतन्त्र की रक्षा करने, आम आदमी आया है।
लोकपाल बिल पास कराने, आम आदमी आया है॥

शिक्षा का स्तर गिरता है, टयूशन की टीचर कहता है।
रिश्वत लेकर दिया दाखिला, बालक कैसे पढ़ता है॥

कोई घटना छेड़छाड़ की, अब ना कर पायेगा।
हाथ में ले लेकर अब झाड़ू, आम आदमी आयेगा॥