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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मोहि लेलिखिन सजनी मोरा मनवा पहुनमा राघो (2)

हे हो पहुनमा राघो हे सिया के सजनमा राघो
राजा दशरथ के दुलरुआ पहुनमा राघो
मोहि लेलिखिन सजनी मोरा मनवा पहुनमा राघो (2)

अँखियाँ में कारी काजल होठवा में पानक लाली (2)
लाले लाल सिर पर हई पगड़िया हे पहुनमा राघो
मोहि लेलिखिन सजनी मोरा मनवा पहुनमा राघो (2)

चलू चलू परिछन सखी हे दूल्हा चुमावन सखि हे (2)
चमचम चमके के हे मऊरिया हे पहुनमा राघो
मोहि लेलिखिन सजनी मोरा मनवा पहुनमा राघो (2)