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"जइबइ हम ससुरारी / उमेश बहादुरपुरी" के अवतरणों में अंतर

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जइबइ हम ससुरारी,
 
जइबइ हम ससुरारी,
छोड़ के बाप महतारी।
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छोड़ के बाप महतारी
 
ताना मारे त मारे लोगवा,
 
ताना मारे त मारे लोगवा,
लगइबइ पिया जी से यारी।। जइबइ ....
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लगइबइ पिया जी से यारी
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जइबइ ....
 
सुन लऽ तूँ जी बाँके सजनमाँ,
 
सुन लऽ तूँ जी बाँके सजनमाँ,
तूँही हहो हमर सपनमाँ।
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तूँही हहो हमर सपनमाँ
छोड़ देबइ हम महल-अँटारी।। जइबइ ....
+
छोड़ देबइ हम महल-अँटारी
दिल देबो तोहरा नजराना।
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जइबइ ....
बन जाये चाहे दुश्मन जमाना।
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दिल देबो तोहरा नजराना
मार देबइ ओकरा कटारी।। जइबइ ....
+
बन जाये चाहे दुश्मन जमाना
छोड़म न´् हम तोहर कलइया।
+
मार देबइ ओकरा कटारी
तूँ हीं हऽ हमर कृष्ण-कन्हैया।
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जइबइ ....
चाहे पारे कोय टिटकारी।। जइबइ .....
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छोड़म नञ् हम तोहर कलइया
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तूँ हीं हऽ हमर कृष्ण-कन्हैया
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चाहे पारे कोय टिटकारी
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जइबइ .....
  
 
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12:47, 14 मार्च 2019 के समय का अवतरण

जइबइ हम ससुरारी,
छोड़ के बाप महतारी
ताना मारे त मारे लोगवा,
लगइबइ पिया जी से यारी
जइबइ ....
सुन लऽ तूँ जी बाँके सजनमाँ,
तूँही हहो हमर सपनमाँ
छोड़ देबइ हम महल-अँटारी
जइबइ ....
दिल देबो तोहरा नजराना
बन जाये चाहे दुश्मन जमाना
मार देबइ ओकरा कटारी
जइबइ ....
छोड़म नञ् हम तोहर कलइया
तूँ हीं हऽ हमर कृष्ण-कन्हैया
चाहे पारे कोय टिटकारी
जइबइ .....