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"बलात्कारियों के नाम / सुधा चौरसिया" के अवतरणों में अंतर

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18:51, 11 जून 2019 के समय का अवतरण

इस साल
तुम मेरी चीखों के नाम
एक
प्रेम पत्र लिखो

लिखो कि
हवा
तुम्हारे बिना जहरीली है
फूल तुम्हारे बिना
सौंदर्यहीन है

इस साल
तुम मेरी चीखों के नाम
एक
प्रेम पत्र लिखो

लिखो कि
धरती की हरियाली
तुम्हारे बिना
नीरस है
आकाश की नीलिमा
तुम्हारे बिना
अर्थहीन है

इस साल
तुम मेरी चीखों के नाम
एक
प्रेम पत्र लिखो

कविताएं
तुम्हारे बिना
शब्दों के जाल हैँ
तूलिका
तुम्हारे बिना बेजान है

लिखो कि
रंगों की बस्ती
तुम्हारे बिना बेजुबान है

इस साल
तुम मेरी चीखों के नाम
एक
प्रेम पत्र लिखो...