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"अकथ नाम / नवीन रांगियाल" के अवतरणों में अंतर

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14:24, 7 अगस्त 2019 के समय का अवतरण

मनुष्य जन्मता कुछ भी नहीं
मरता गांधी है
गोडसे और लोहिया मरता है कभी

इस बीच
कभी कभार
क, ख, ग, भी

बिगुचन का एक
पूरा संसार आदमी

मैं वही मरूँगा
जो रोया था
नवंबर में
एक प्रथम पहर

अकथ नाम

गांधी नहीं
लोहिया भी नहीं
क, ख, ग, तो कतई नहीं

या फिर
अंत तक
या अंत के बाद भी
उस पार
अपनी अंधेरी गली में
प्रतीक्षा करूँगा
स्वयं की।