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"ख़ाली जगह / नवीन रांगियाल" के अवतरणों में अंतर

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14:31, 7 अगस्त 2019 के समय का अवतरण

दुनिया में कितनी हसीन शय मौजुद हैं
ख़ुद दुनिया भी

दुःख जो मन के आसपास मंडराते रहते हैं
गाहे बगाहें उभर आते हैं

जैसे जिगर के पार कोई जगह
जहां प्रेम रहता है छुपकर

वो किताबें जो दिल पर तहों की तरह बिछती जाती हैं
सफ़हों की ख़ुशबू जो बनी रहती है देर तक

सबसे एकांत में की गई प्रार्थनाएँ
या एक तरफ़ जाकर रो लेना

किसी दिलफ़रेब घटना के बाद मिले
वो बेरहम लोग जिनके लिए तुम रोते रहे रातों में

भरी दुनिया में अंधेरे खरीदते रहे जिनके लिए

कोई अकेली
उदास शाम
बेस्वाद शराब के घूंट
गटकने के बाद जोर से भींची गई आंखें

बंद आँखों के पीछे
मुस्कुराती हुई तुम

तुम्हारी देह का नमक याद करना

सबसे दिलनशीं
तुम्हारे नाम में छोटी इ की मात्रा

चाकू की तेज़ धार
जब उसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत हो

जैसे तुम्हारी याद में
शीशे के उस पार देखना
और यह सोचना कि
शीशे से ओस हटाई
तो तुम ओझल हो जाओगी

यह जानना
कि तुम जानते हो
कि जानना क्या होता है

धीमे- धीमे यह समझना कि
तुम्हारी उंगलियों के बीच जो ख़ाली जगह है
वो हाथ थामने के लिए है