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"एकमात्र रोटी / विजय राही" के अवतरणों में अंतर

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वो भी कुत्ता ले गया है  !
 
वो भी कुत्ता ले गया है  !
 
 
8. तुम्हारे साथ जीवन
 
 
 
 
जब तुम साथ थे
 
 
सूरज हमारे साथ निकलता था
 
 
जब तुम साथ थे
 
 
चाँद हमारे साथ चलता था
 
 
जब तुम साथ थे
 
 
तारे हमारे साथ टहलते थे
 
 
जब तुम साथ थे
 
 
जीवन हमारे साथ था
 
 
तुम्हारे बाद
 
 
मृत्यु हमारी सहयात्री है।
 
 
 
 
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12:47, 25 मार्च 2020 के समय का अवतरण

पाँचवी में पढ़ता था

उमर होगी कोई

दस एक साल मेरी ।

एक दिन स्कूल से आया

बस्ता पटका , रोटी ढूँढी

घर में बची एकमात्र रोटी को

मेरे हाथ से कुत्ता ले गया ।

जब मैं रोया तो

माँ ने मुझको पीटा ।

मेरे समझ नही आया कि

माँ को कुत्ते की पिटाई करनी थी

पीट दिया मुझे

और फिर ख़ुद भी रोने लग गई

मुझे पुचकारते हुए ।


लेकिन अब मेरे समझ आया

कि माँ उस दिन क्यों रोई थी ?

दरअसल वह मुझे नही

अपनी किस्मत को पीट रही थी

कि लाल भूखा रह गया है

एक रोटी थी जो घर में

वो भी कुत्ता ले गया है  !