गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
पाँच मुक्तक / बालस्वरूप राही
No change in size
,
13:13, 16 जून 2020
मेरा उल्लास उदासी को क़हर होता है
मुझे घिरते हुए अँधियारे की परवाह क्या
मेरी हर
बात
रात
का अंजाम सहर होता है
2.
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,100
edits