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"धूप/ रामकिशोर दाहिया" के अवतरणों में अंतर

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सेम, परबल, बर्बटी पर
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तिलमिलाती धूप
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साँझ सरकी सांँप बनकर
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रेत वन चट्टान से
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पेट सेकर लौट आई
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खेत औ' खलिहान से
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घोंसलों में सिमट बैठी
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कुलबुलाती धूप
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-रामकिशोर दाहिया
 
-रामकिशोर दाहिया
  
 
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15:03, 21 मई 2021 के समय का अवतरण

 

बादलों की बोरियों से
तुलतुलाती धूप
राह गलियों खोरियों में
छुलछुलाती धूप

झील-झरने नद-सरों को
स्वर्ण किरणें ढक रहीं
फूल का केसर उठाकर
पत्तियों पर रख रहीं
द्वार पर लड़की ठिठक कर
खिलखिलाती धूप

सेम, परबल, बर्बटी पर
तितलियों -सी झूलती
धूप दिन भर बाग-वन में
गुलमुहर-सी फूलती
आँवले, अमरूद ऊपर
तिलमिलाती धूप

साँझ सरकी सांँप बनकर
रेत वन चट्टान से
पेट सेकर लौट आई
खेत औ' खलिहान से
घोंसलों में सिमट बैठी
कुलबुलाती धूप
     
            
-रामकिशोर दाहिया