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"देश की मिट्टी / रेखा राजवंशी" के अवतरणों में अंतर
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20:02, 28 जनवरी 2022 के समय का अवतरण
बेटी ने देश की
मिट्टी उठाई
एक बोतल में रख
सील लगाईं
सूटकेस में रख
साथ अपने लाई
जमी रहें जड़ें
अपनी जगह
विदेश में रहें
देश की तरह
मिट्टी की खुशबू
भर दे खुशहाली
देश से जाएं
तो क्यों जाएं खाली
शायद यह बात
उसके मन आई
देश की मिट्टी
वो साथ अपने आई