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"योजनाओं का शहर-5 / संजय कुंदन" के अवतरणों में अंतर
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आप निर्गुन क्यों सुनते हैं
मेरे पड़ोसी ने मुझ से पूछा
तो मुझे कोई जवाब नहीं सूझा
पड़ोसी यह समझ नहीं पा रहा था
कि कोई इन्सान ऎसा काम क्यों करता है
जिसमें कुछ फ़ायदा न हो
वह शायद कहना चाहता था
कि जितनी देर में निर्गन सुना जा सकता था
उतनी देर में बन सकती थीं कई योजनाएँ
फिर उसने प्रस्ताव रख दिया
कि वह मेरे लिए योजनाएँ बना सकता है।
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