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18:38, 27 फ़रवरी 2023 के समय का अवतरण
मैं समय हूँ साहब
मैं रूकता नही
थमता नहीं
उड़ जाता हूँ फूर्रर्रर्रर्र से
मुझे ढूँढते हो
पकड़ने की करते हो कोशिश
पर पकड़ पाते नहीं
सुनो इक बात राज की
मै मिलूंगा
माँ की लोरी में
दोस्तों की आँखमिचोली में
आंगन की धूप में
प्रेमिका के रूप में
जब जब ठहरोगे इनमें
पाओगे मुझको।