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"बेटीक अधिकार / दीपा मिश्रा" के अवतरणों में अंतर

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नाम छिनै छी
गाम छिनै छी
माँ पिता परिवार छिनै छी
कहैत छी बेटीकें कोन अधिकार नै दैत छी
कहैत छी बेटीकेंँ खूब पढबैत छी
सब किछुक स्वतंत्रता दैत छी
सबहक दुलारू वैह बेटी जे
नैहरमे सर्वगुण संपन्न छल
सासुर पहुँचते ओकरा
अलुइर कहैत छी
आ पूछब त कहैत छी जे
बेटी के कोन अधिकार नै दैत छी
यदि बेटी विधवा, परित्यक्त्या
या विपन्न भऽ जाइए
त ओकरा ओकर कर्मक आ
भागक दोष कहैत छी
आ पूछब त कहब जे
बेटी के कोन अधिकार नै दैत छी
नेनेसँ ओकरा
"कोना -कोना बेटी सासुर जाए"
गीत सुनबैत छी
बियाहसँ पूर्व ओकरासँ
ओकर मोनो नै पुछैत छी
आ किछु कहब त पुछै छी जे
बेटीकें कोन अधिकार नै दैत छी
बेटा जन्म पर तासा बजबैत छी
त बेटीक जन्म पर कियाक नै बजबैत छी?
वंश वृक्षमे जिनका बेटी छनि
हुनका तक पहुँच आगू कियाक नै बढबैत छी?
आ पूछब त कहैत छी जे बेटी के
कोन अधिकार नै दैत छी
घोघ परदाके अहाँ संस्कार मानैत छी
चौक चौराहा सबकें पुरुषक अड्डा मानैत छी
भोज भात सबमे की
बेटीकेंँ की संग लऽ जाइत छी?
आ पूछब त कहैत छी जे
बेटी के कोन अधिकार नै दैत छी!
कलाक मंच एखनो नै भेटैये
दुर्गा जीकेंँ बेटी नै भसबैये
माँ बापके मुखाग्नि नै दैये
संपत्तिक उत्तराधिकारी नै होईये
अपन इच्छानुसार अपन जीवन नै जिबैये
आ किछु कहब त पुछैत छी जे
बेटी के कोन अधिकार नै दैत छी!
रहय दियौ प्रश्न अनंत अछि
आ ओकर उत्तर सेहो हमरा नै चाही
कियाक तँ ओहि योग्य हमर समाजकेँ
हम एखैन नै बुझैत छी
कियाक तँ एखनो सबटा पढिके
अहाँ सब इहा कहब जे
बेटी के कोन अधिकार नै दैत छी!