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"बीड़ी फूँक फूँक(गीत) / राजकुमारी रश्मि" के अवतरणों में अंतर

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बीड़ी फूँक फूँक
 
बीड़ी फूँक फूँक
 
दिन अपने  
 
दिन अपने  
काटे, राम भजन.
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काटे रामभजन ।
  
    (१)
 
 
तीन माह से मिल वालों से
 
तीन माह से मिल वालों से
वेतन नहीं मिला  
+
वेतन नहीं मिला,
कितने घर ऐसे हैं, जिनमें  
+
कितने घर ऐसे हैं जिनमें  
चूल्हा नहीं जला  
+
चूल्हा नहीं जला,
आश्वासन की बूंदे कब तक  
+
आश्वासन की बून्दें कब तक  
चाटे राम भजन.
+
चाटे रामभजन ।
  
          (२)
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'काम बन्द' की तख़्ती टाँगे
'काम बन्द' की तख्ती टाँगे
+
रोज़ हुई हड़तालें,
रोज हुई हडतालें
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उस पर बढ़ती महँगाई ने
उस पर बढती महंगाई ने
+
पतली कर दी दालें,
पतली कर दी दालें
+
चढ़े हुए करज़े को  
चढ़े हुए कर्जे को  
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कैसे पाटे रामभजन ।
कैसे पाटे राम भजन.
+
  
            (३)
 
 
लीडर की बातों मे आकर
 
लीडर की बातों मे आकर
मारी पैर कुल्हाड़ी  
+
मारी पैर कुल्हाड़ी,
कई कई दिन, उसे कहीं भी  
+
कई कई दिन उसे कहीं भी  
 
मिलती नहीं दिहाड़ी  
 
मिलती नहीं दिहाड़ी  
 
दारू भी तो नहीं  
 
दारू भी तो नहीं  
कहाँ दुःख बाँटे राम भजन.
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कहाँ दुख बाँटे रामभजन ।
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00:51, 26 अगस्त 2023 का अवतरण

बीड़ी फूँक फूँक
दिन अपने
काटे रामभजन ।

तीन माह से मिल वालों से
वेतन नहीं मिला,
कितने घर ऐसे हैं जिनमें
चूल्हा नहीं जला,
आश्वासन की बून्दें कब तक
चाटे रामभजन ।

'काम बन्द' की तख़्ती टाँगे
रोज़ हुई हड़तालें,
उस पर बढ़ती महँगाई ने
पतली कर दी दालें,
चढ़े हुए करज़े को
कैसे पाटे रामभजन ।

लीडर की बातों मे आकर
मारी पैर कुल्हाड़ी,
कई कई दिन उसे कहीं भी
मिलती नहीं दिहाड़ी
दारू भी तो नहीं
कहाँ दुख बाँटे रामभजन ।