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"स्कार्फ़ / रीटा डाव / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर

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जो भी ये दावा करता है
 
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कि ख़ूबसूरती
 
कि ख़ूबसूरती
देखने वाले की आँखोंमें बसी होती है,
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देखने वाले की आँखों में बसी होती है,
  
वो भूल जाता है उस रेशमी संगीत को
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वो भूल जाता है उस संगीत को
जो एक नंगी गर्दन के पास
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जो रेशम के रूप में नंगी गर्दन के पास
बसा होता है
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छुपा होता है
  
 
जहाँ त्वचा को
 
जहाँ त्वचा को
बेहद कोमलता से  
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बेहद कोमलता से छूता है  
छूता है कोई बच्चा
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सिर्फ़ कोई बच्चा
  
 
या प्रेमी ।
 
या प्रेमी ।

01:04, 29 अगस्त 2023 के समय का अवतरण

जो भी ये दावा करता है
कि ख़ूबसूरती
देखने वाले की आँखों में बसी होती है,

वो भूल जाता है उस संगीत को
जो रेशम के रूप में नंगी गर्दन के पास
छुपा होता है

जहाँ त्वचा को
बेहद कोमलता से छूता है
सिर्फ़ कोई बच्चा

या प्रेमी ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
              Rita Dove
                 Scarf

Whoever claims beauty
lies in the eye
of the beholder

has forgotten the music
silk makes settling
across a bared

neck: skin never touched
so gently except
by a child

or a lover.