भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"उमस / साधना सिन्हा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=साधना सिन्हा |संग्रह=बिम्बहीन व्यथा / साधना सिन...)
 
(कोई अंतर नहीं)

03:26, 21 नवम्बर 2008 के समय का अवतरण


छत है खुली
पर अन्दर
उमस है

अनाम संवेदनायें
मुखर होने से पहले
पिघल रही हैं
उमस में !
 
बाहर
निकलने के
दरवाज़े बनाओ अनेक
आदमकद घुटन
दरवाज़ों से बड़ी है
 
तोड़ो दीवारें
ठंडी हवा, बारिश
खुला आसमान
उमस को
कम करे
 
हम सब बाहर निकलें
उमस से बचा
एक-आध घर तो कहीं होगा ।