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"टूटता तारा / ऋचा दीपक कर्पे" के अवतरणों में अंतर

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10:01, 18 जनवरी 2025 के समय का अवतरण

कहते हैं
कुछ मांग लेना चाहिए
जब कोई तारा
आसमान से टूट कर गिरता है,
क्यों कहते होंगे ऐसा?

शायद इस विराट ब्रह्माण्ड से
एक तारे का टूटकर गिरना
और ठीक उसी समय
हमारा उसे देखना
असाधारण है
अलौकिक है

और यदि ऐसा है
तो आज मैंने
अपनी खिड़की में बैठे-बैठे
चांदनी के पेड़ से
एक फूल झरते देखा
मुझे उतना ही अलौकिक
और असाधारण लगा वह भी

इसलिए बिना एक पल गवाए
मैंने माँग लिया
कुछ मनचाहा...