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"नानी / प्रयाग शुक्ल" के अवतरणों में अंतर
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(छूटा जब गाँव का घर ) | (छूटा जब गाँव का घर ) | ||
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बूढ़ी नानी । एक छुट्टियों में हमें जब | बूढ़ी नानी । एक छुट्टियों में हमें जब | ||
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अपने संदूक को खोल कर | अपने संदूक को खोल कर | ||
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शायद हरे-काले से हो | शायद हरे-काले से हो | ||
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गये कुछ पैसे | गये कुछ पैसे | ||
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कुछ ठीक से याद नहीं | कुछ ठीक से याद नहीं | ||
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नानी ने कोई चीज़ दी तो थी ज़रूर ! | नानी ने कोई चीज़ दी तो थी ज़रूर ! | ||
नानी का चेहरा-- वह तो और | नानी का चेहरा-- वह तो और | ||
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भी याद नहीं । | भी याद नहीं । | ||
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11:33, 1 जनवरी 2009 के समय का अवतरण
मेरी बेटी ने नहीं देखा मेरी नानी को ।
(नानी की कोई तस्वीर भी नहीं है मेरे पास )
मुझे भी अपनी नानी की धुंधली-सी याद है ।
नानी गाँव के एक घर में रहती थी
(उजले आंगन और अंधियारे कमरों के घर में}
नानी के गाँव में एक नहर थी ।
नानी अपने एक बेटे के पास रहती थी । शहर में ।
(छूटा जब गाँव का घर )
बूढ़ी नानी । एक छुट्टियों में हमें जब
गाड़ी पकड़नी थी रात की-- नानी
अपने संदूक को खोल कर
कुछ ढूंढ रही थी टटोलती--
नानी ने मुझे कोई चीज़ दी थी--
शायद हरे-काले से हो
गये कुछ पैसे
कुछ ठीक से याद नहीं
नानी ने कोई चीज़ दी तो थी ज़रूर !
नानी का चेहरा-- वह तो और
भी याद नहीं ।