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"त्रिपथगा-3 / सुधीर मोता" के अवतरणों में अंतर
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उतर गर्भ से आया
नत मस्तक
ठोस धरातल
फिर पग पृथ्वी पर
फिर चला और नीचे
नीचे
वह अंत चरम
उससे भी पहले
एक जीवन में जीवन तीन
अवरोह किया
आरोह लिया
उड़ा फूल कभी अति
प्रसन्न
इति आदि सब देखी
और मध्य भी देखा
देखा सबने
हो तल्लीन !