भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"वह जो बीता-2 / सुधीर मोता" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधीर मोता }} <poem> मैं उसको कह दूंगा जाने को न संग क...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:16, 13 जनवरी 2009 के समय का अवतरण
मैं उसको कह दूंगा
जाने को
न संग किसी के
किया ऎसा
रोका न किसी को
संग आने को
पर जब वह
संग ही न आया
क्या उसको अधिकार
मन में मेरे
उछलकूद और
तहस-नहस मेरा
एकाकीपन
कर जाने को।