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"जादू हैं तेरे नैना / लीलाधर मंडलोई" के अवतरणों में अंतर
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टाट के पर्दे की ओट में
दमक रही हैं एक जोड़ी आँखें
कहूँगा मैं भी वली की घाँई
जादू हैं तेरे नैना...।
जादू हैं...।।
शब्दार्थ :
घाँई= जैसे, तरह