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"वजूद / लीलाधर मंडलोई" के अवतरणों में अंतर

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03:36, 16 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

मैं इतनी अधिक सुन्दर
मेरे पीछे इतने
मैं असहाय गंदगी के दलदल में

मैंने कुछ पाने की जगह
नफ़रत की अपने वजूद से और
जब-जब आत्महत्या की कोशिश
हर बार सामने एक बूढ़ी माँ थी

और एक बहन
जो मुझसे अधिक सुन्दर थी