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"फूल / नवीन सागर" के अवतरणों में अंतर

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14:17, 19 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

फूल जो कल इस धरती पर
खिला हुआ था
आज धरती में है
कल जन्म लेने को आतुर ।

उसकी खाली जगह में
उसका अदृश्य आकार
फैल गया है
रात के पूरे अंधकार में अभी

सुबह
चुपचाप फूल में लौटेगा
खो जाएगा
उन रगों में जो
पूरी धरती के भीतर सज रहे हैं

फूल को
अपने जीवन का यह खेल अच्छा लगता है
मुझे फूल अच्छा लगता है।