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23:33, 24 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

पता चल चुका है हमें
चाँद पर हैं पत्थर, गड्ढे और चट्टानें
लेकिन मासूम दरख़्त
झूमता है
पूरे चाँद की रोशनी में नहाकर।

भूलकर भी मत बतलाना उसे
चाँद की असलियत
मत छीनना उससे
भ्रम का स्वर्ग