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"बरसै बदरिया सावन की / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर
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दामण दमके झर लावन की । | दामण दमके झर लावन की । | ||
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नान्हीं नान्हीं बूंदन मेहा बरसै, | नान्हीं नान्हीं बूंदन मेहा बरसै, | ||
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सीतल पवन सुहावन की ॥ | सीतल पवन सुहावन की ॥ | ||
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मीरा के प्रभु गिरघर नागर, | मीरा के प्रभु गिरघर नागर, | ||
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आनन्द मंगल गावन की ॥ | आनन्द मंगल गावन की ॥ |
18:08, 18 अगस्त 2006 का अवतरण
रचनाकार: मीराबाई
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बरसै बदरिया सावन की,
सावन की मनभावन की ।
सावन में उमग्यो मेरो मनवा,
भनक सुनी हरि आवन की ॥
उमड घुमड चहुं दिस से आयो,
दामण दमके झर लावन की ।
नान्हीं नान्हीं बूंदन मेहा बरसै,
सीतल पवन सुहावन की ॥
मीरा के प्रभु गिरघर नागर,
आनन्द मंगल गावन की ॥