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निदा फ़ाज़ली की रचनाएँ
निदा फ़ाज़ली
जन्म | 12 अक्तूबर 1938 |
---|---|
उपनाम | |
जन्म स्थान | दिल्ली, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
लफ़्ज़ों के फूल, मोर नाच, आँख और ख़्वाब के दरमियाँ, सफ़र में धूप तो होगी | |
विविध | |
1998 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित | |
जीवन परिचय | |
निदा फ़ाज़ली / परिचय |
- आँखों भर आकाश / निदा फ़ाज़ली
- मौसम आते जाते हैं / निदा फ़ाज़ली
- खोया हुआ सा कुछ / निदा फ़ाज़ली
- गरज-बरस / निदा फ़ाज़ली
- नयी-नयी आँखें / निदा फ़ाज़ली
- अपनी मर्ज़ी से कहाँ / निदा फ़ाज़ली
- मुँह की बात / निदा फ़ाज़ली
- नयी-नयी पोशाक बदलकर / निदा फ़ाज़ली
- दिल में ना हो ज़ुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती / निदा फ़ाज़ली
- कुछ तबीयत ही मिली थी / निदा फ़ाज़ली
- अब ख़ुशी है न कोई ग़म रुलाने वाला / निदा फ़ाज़ली
- अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये / निदा फ़ाज़ली
- अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं / निदा फ़ाज़ली
- बदला न अपने आप को जो थे वही रहे / निदा फ़ाज़ली
- चाँद से फूल से या मेरी ज़ुबाँ से सुनिये / निदा फ़ाज़ली
- देखा हुआ सा कुछ है तो सोचा हुआ सा कुछ / निदा फ़ाज़ली
- दिल में न हो जुर्रत तो मुहब्बत नहीं मिलती / निदा फ़ाज़ली
- दिन सलीक़े से उगा, रात ठिकाने से रही / निदा फ़ाज़ली
- दीवार-ओ-दर से उतर के परछाइयाँ बोलती हैं / निदा फ़ाज़ली
- धूप में निकलो घटाओं में नहाकर देखो / निदा फ़ाज़ली
- दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलोना है / निदा फ़ाज़ली
- हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा / निदा फ़ाज़ली
- हर तरफ़ हर जगह बेशुमार आदमी / निदा फ़ाज़ली
- होश वालों को ख़बर क्या बेख़ुदी क्या चीज़ है / निदा फ़ाज़ली
- जब किसी से कोई गिला रखना / निदा फ़ाज़ली
- जहाँ न तेरी महक हो उधर न जाऊँ मैं / निदा फ़ाज़ली
- जीवन क्या है चलता फिरता एक खिलोना है / निदा फ़ाज़ली
- कभी कभी यूँ भी हमने अपने ही को बहलाया है / निदा फ़ाज़ली
- कहीं छत थी दीवार-ओ-दर थे कहीं / निदा फ़ाज़ली
- मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार / निदा फ़ाज़ली
- मस्जिदों-मन्दिरों की दुनिया में / निदा फ़ाज़ली
- मुहब्बत में वफ़ादारी से बचिये / निदा फ़ाज़ली
- सब की पूजा एक सी / निदा फ़ाज़ली
- सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो / निदा फ़ाज़ली
- तन्हा तन्हा हम रो लेंगे महफ़िल महफ़िल गायेंगे / निदा फ़ाज़ली
- तेरा हिज्र मेरा नसीब है तेरा ग़म ही मेरी हयात है / निदा फ़ाज़ली
- तुम ये कैसे जुदा हो गये / निदा फ़ाज़ली
- ये ज़िन्दगी / निदा फ़ाज़ली
- ज़हानतों को कहाँ कर्ब से फ़रार मिला / निदा फ़ाज़ली
- तुम्हारी कब्र पर / निदा फ़ाज़ली
- खट्टी चटनी जैसी माँ / निदा फ़ाज़ली
- मन बैरागी, तन अनुरागी, क़दम-क़दम दुश्वारी है / निदा फ़ाज़ली
- बेनाम-सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता / निदा फ़ाज़ली
- कहीं-कहीं से हर चेहरा तुम जैसा लगता है / निदा फ़ाज़ली
- हम हैं कुछ अपने लिए कुछ हैं ज़माने के लिए / निदा फ़ाज़ली
- बदला न अपने आपको जो थे वही रहे / निदा फ़ाज़ली
- इन्सान में हैवान यहाँ भी है वहाँ भी / निदा फ़ाज़ली
- कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता / निदा फ़ाज़ली