भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"है किसकी वजह से / ब्रज श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ब्रज श्रीवास्तव |संग्रह= }} <Poem> वृक्षों ने कभी कोई...)
(कोई अंतर नहीं)

16:01, 23 मार्च 2009 का अवतरण

वृक्षों ने कभी कोई
ग़लती नहीं की
जंगल को नहीं है कोई शिकायत उनसे

बादलों और पक्षियों ने
कुछ नहीं किया ऎसा कि
बिगड़े आसमान की तस्वीर

नदी को कभी कोई नुकसान नहीं हुआ
मछलियों, मगरमच्छों और शैवाल से

और ज़रा धरती की पड़ताल करें
कि यह जैसी भी है
है किसकी वज़ह से?