भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ज़ुर्म / मनोहर बाथम" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मनोहर बाथम |संग्रह= }} <Poem> '''कामरेड हमीद के लिए''' ईद ...)
(कोई अंतर नहीं)

16:57, 23 मार्च 2009 का अवतरण

कामरेड हमीद के लिए

ईद के दिन हमारी चौकी पर
पीछे के दरवाज़े से
उसने सिवईयाँ भेजीं चुपचाप
किसी को न बताने की शर्त थी

मेरी दीपावली की मिठाई भी शायद
इस तरह से जाती

वो हो गया रुख़सत दुनिया से
मेरे साथ ईद मनाने के ज़ुर्म में