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"सरहद से लौटते हुए / मनोहर बाथम" के अवतरणों में अंतर

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17:00, 23 मार्च 2009 के समय का अवतरण

तुम अपनी सरहद को
पाक कहते हो
मैं भी

दोनों की है यह एक

यह प्यार करना नहीं सिखाती
माँ की तरह

बाँटती है

हरदम सोचता हूँ मैं
सरहद से लोटते हुए