भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जाति / मनोहर बाथम" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मनोहर बाथम |संग्रह= }} <Poem> सत्रह तारीख़ को इसी बगीच...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:03, 23 मार्च 2009 के समय का अवतरण
सत्रह तारीख़ को
इसी बगीचे में
फिरंगियों की गोलियों से
गणेश और सलीम
एक साथ शहीद हुए
तब उनकी जाति
शहीदों की थी
उनका धर्म आज़ादी था
मरने पर हमने बनाई
एक समाधि
और एक क़ब्र
और शहीदों को तब्दील कर दिया
हिन्दू और मुसलमान में