भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"एक जन्मदिन / आलोक श्रीवास्तव-२" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आलोक श्रीवास्तव-2 }} <poem> अभी अभी लांघे है तुमने अट...)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
|रचनाकार=आलोक श्रीवास्तव-2
+
|रचनाकार=आलोक श्रीवास्तव-
 +
|संग्रह=वेरा, उन सपनों की कथा कहो! / आलोक श्रीवास्तव-२
 
}}
 
}}
<poem>  
+
<Poem>  
+
 
अभी अभी लांघे है तुमने अट्ठारह वसंत
 
अभी अभी लांघे है तुमने अट्ठारह वसंत
 
अभी अभी तुमने देखा है एक सपना  
 
अभी अभी तुमने देखा है एक सपना  

00:06, 2 अप्रैल 2009 का अवतरण

 
अभी अभी लांघे है तुमने अट्ठारह वसंत
अभी अभी तुमने देखा है एक सपना
अभी अभी तुम खुद हुई हो वसंत
अभी अभी तुम ख़ुद हुई हो एक सपना

इस सपने को क्या कह कर पुकारूं
कौन-सा छंद दूं इस वसंत को ?