"कह-मुकरियाँ / अमीर खुसरो" के अवतरणों में अंतर
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+ | १.<br> | ||
+ | खा गया पी गया <br> | ||
+ | दे गया बुत्ता <br> | ||
+ | ऐ सखि साजन? <br> | ||
+ | ना सखि कुत्ता <br><br> | ||
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लिपट लिपट के वा के सोई <br> | लिपट लिपट के वा के सोई <br> | ||
छाती से छाती लगा के रोई <br> | छाती से छाती लगा के रोई <br> | ||
− | दांत से दांत बजे तो | + | दांत से दांत बजे तो ताड़ा <br> |
− | ऐ | + | ऐ सखि साजन? ना सखि जाड़ा!<br><br> |
+ | ३.<br> | ||
+ | रात समय वह मेरे आवे <br> | ||
+ | भोर भये वह घर उठि जावे <br> | ||
+ | यह अचरज है सबसे न्यारा <br> | ||
+ | ऐ सखि साजन? ना सखि तारा <br><br> | ||
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+ | ४.<br> | ||
+ | नंगे पाँव फिरन नहिं देत<br> | ||
+ | पाँव से मिट्टी लगन नहिं देत<br> | ||
+ | पाँव का चूमा लेत निपूता <br> | ||
+ | ऐ सखि साजन? ना सखि जूता <br> | ||
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+ | ५.<br> | ||
ऊंची अटारी पलंग बिछायो <br> | ऊंची अटारी पलंग बिछायो <br> | ||
मैं सोई मेरे सिर पर आयो <br> | मैं सोई मेरे सिर पर आयो <br> | ||
− | खुल गई अंखियां भयी | + | खुल गई अंखियां भयी आनंद <br> |
− | ऐ | + | ऐ सखि साजन? ना सखि चांद! <br><br> |
+ | ६.<br> | ||
+ | जब माँगू तब जल भरि लावे <br> | ||
+ | मेरे मन की तपन बुझावे <br> | ||
+ | मन का भारी तन का छोटा <br> | ||
+ | ऐ सखि साजन? ना सखि लोटा <br><br> | ||
+ | |||
+ | ७.<br> | ||
वो आवै तो शादी होय <br> | वो आवै तो शादी होय <br> | ||
उस बिन दूजा और न कोय <br> | उस बिन दूजा और न कोय <br> | ||
− | मीठे लागें वा के | + | मीठे लागें वा के बोल <br> |
− | ऐ | + | ऐ सखि साजन? ना सखि ढोल! <br><br> |
+ | ८. | ||
+ | बेर-बेर सोवतहिं जगावे <br> | ||
+ | ना जागूँ तो काटे खावे <br> | ||
+ | व्याकुल हुई मैं हक्की बक्की <br> | ||
+ | ऐ सखि साजन? ना सखि मक्खी <br><br> | ||
+ | |||
+ | ९.<br> | ||
+ | अति सुरंग है रंग रंगीले <br> | ||
+ | है गुणवंत बहुत चटकीलो<br> | ||
+ | राम भजन बिन कभी न सोता <br> | ||
+ | ऐ सखि साजन? ना सखि तोता <br><br> | ||
+ | |||
+ | १०.<br> | ||
आप हिले और मोहे हिलाए <br> | आप हिले और मोहे हिलाए <br> | ||
वा का हिलना मोए मन भाए <br> | वा का हिलना मोए मन भाए <br> | ||
− | हिल हिल के वो हुआ | + | हिल हिल के वो हुआ निसंखा <br> |
− | ऐ | + | ऐ सखि साजन? ना सखि पंखा! <br><br> |
+ | |||
+ | ११.<br> | ||
+ | अर्ध निशा वह आया भौन <br> | ||
+ | सुंदरता बरने कवि कौन <br> | ||
+ | निरखत ही मन भयो अनंद<br> | ||
+ | ऐ सखि साजन? ना सखि चंद<br><br> | ||
+ | |||
+ | १२.<br> | ||
+ | शोभा सदा बढ़ावन हारा<br> | ||
+ | आँखिन से छिन होत न न्यारा <br> | ||
+ | आठ पहर मेरो मनरंजन<br> | ||
+ | ऐ सखि साजन? ना सखि अंजन <br><br> | ||
+ | |||
+ | १३.<br> | ||
+ | जीवन सब जग जासों कहै<br> | ||
+ | वा बिनु नेक न धीरज रहै<br> | ||
+ | हरै छिनक में हिय की पीर<br> | ||
+ | ऐ सखि साजन? ना सखि नीर<br><br> | ||
+ | |||
+ | १४.<br> | ||
+ | बिन आये सबहीं सुख भूले<br> | ||
+ | आये ते अँग-अँग सब फूले<br> | ||
+ | सीरी भई लगावत छाती<br> | ||
+ | ऐ सखि साजन? ना सखि पाती<br><br> | ||
+ | १५.<br> | ||
सगरी रैन छतियां पर राख <br> | सगरी रैन छतियां पर राख <br> | ||
रूप रंग सब वा का चाख <br> | रूप रंग सब वा का चाख <br> | ||
− | भोर भई जब दिया | + | भोर भई जब दिया उतार <br> |
− | ऐ सखी साजन? ना | + | ऐ सखी साजन? ना सखि हार!<br><br> |
+ | १६.<br> | ||
पड़ी थी मैं अचानक चढ़ आयो <br> | पड़ी थी मैं अचानक चढ़ आयो <br> | ||
जब उतरयो तो पसीनो आयो <br> | जब उतरयो तो पसीनो आयो <br> | ||
− | सहम गई नहीं सकी | + | सहम गई नहीं सकी पुकार <br> |
− | ऐ | + | ऐ सखि साजन? ना सखि बुखार!<br><br> |
+ | १७. | ||
सेज पड़ी मोरे आंखों आए <br> | सेज पड़ी मोरे आंखों आए <br> | ||
डाल सेज मोहे मजा दिखाए <br> | डाल सेज मोहे मजा दिखाए <br> | ||
− | किस से कहूं अब मजा में | + | किस से कहूं अब मजा में अपना <br> |
− | ऐ | + | ऐ सखि साजन? ना सखि सपना! <br><br> |
+ | १८. | ||
बखत बखत मोए वा की आस <br> | बखत बखत मोए वा की आस <br> | ||
रात दिना ऊ रहत मो पास <br> | रात दिना ऊ रहत मो पास <br> | ||
− | मेरे मन को सब करत है | + | मेरे मन को सब करत है काम <br> |
− | ऐ | + | ऐ सखि साजन? ना सखि राम! <br><br> |
23:23, 2 जून 2007 का अवतरण
रचनाकार: अमीर खुसरो
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१.
खा गया पी गया
दे गया बुत्ता
ऐ सखि साजन?
ना सखि कुत्ता
२.
लिपट लिपट के वा के सोई
छाती से छाती लगा के रोई
दांत से दांत बजे तो ताड़ा
ऐ सखि साजन? ना सखि जाड़ा!
३.
रात समय वह मेरे आवे
भोर भये वह घर उठि जावे
यह अचरज है सबसे न्यारा
ऐ सखि साजन? ना सखि तारा
४.
नंगे पाँव फिरन नहिं देत
पाँव से मिट्टी लगन नहिं देत
पाँव का चूमा लेत निपूता
ऐ सखि साजन? ना सखि जूता
५.
ऊंची अटारी पलंग बिछायो
मैं सोई मेरे सिर पर आयो
खुल गई अंखियां भयी आनंद
ऐ सखि साजन? ना सखि चांद!
६.
जब माँगू तब जल भरि लावे
मेरे मन की तपन बुझावे
मन का भारी तन का छोटा
ऐ सखि साजन? ना सखि लोटा
७.
वो आवै तो शादी होय
उस बिन दूजा और न कोय
मीठे लागें वा के बोल
ऐ सखि साजन? ना सखि ढोल!
८.
बेर-बेर सोवतहिं जगावे
ना जागूँ तो काटे खावे
व्याकुल हुई मैं हक्की बक्की
ऐ सखि साजन? ना सखि मक्खी
९.
अति सुरंग है रंग रंगीले
है गुणवंत बहुत चटकीलो
राम भजन बिन कभी न सोता
ऐ सखि साजन? ना सखि तोता
१०.
आप हिले और मोहे हिलाए
वा का हिलना मोए मन भाए
हिल हिल के वो हुआ निसंखा
ऐ सखि साजन? ना सखि पंखा!
११.
अर्ध निशा वह आया भौन
सुंदरता बरने कवि कौन
निरखत ही मन भयो अनंद
ऐ सखि साजन? ना सखि चंद
१२.
शोभा सदा बढ़ावन हारा
आँखिन से छिन होत न न्यारा
आठ पहर मेरो मनरंजन
ऐ सखि साजन? ना सखि अंजन
१३.
जीवन सब जग जासों कहै
वा बिनु नेक न धीरज रहै
हरै छिनक में हिय की पीर
ऐ सखि साजन? ना सखि नीर
१४.
बिन आये सबहीं सुख भूले
आये ते अँग-अँग सब फूले
सीरी भई लगावत छाती
ऐ सखि साजन? ना सखि पाती
१५.
सगरी रैन छतियां पर राख
रूप रंग सब वा का चाख
भोर भई जब दिया उतार
ऐ सखी साजन? ना सखि हार!
१६.
पड़ी थी मैं अचानक चढ़ आयो
जब उतरयो तो पसीनो आयो
सहम गई नहीं सकी पुकार
ऐ सखि साजन? ना सखि बुखार!
१७.
सेज पड़ी मोरे आंखों आए
डाल सेज मोहे मजा दिखाए
किस से कहूं अब मजा में अपना
ऐ सखि साजन? ना सखि सपना!
१८.
बखत बखत मोए वा की आस
रात दिना ऊ रहत मो पास
मेरे मन को सब करत है काम
ऐ सखि साजन? ना सखि राम!