भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तोरा मन दर्पण कहलाये / भजन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
+ | {{KKGlobal}} | ||
+ | {{KKBhajan | ||
+ | |रचनाकार= | ||
+ | }} | ||
+ | <poem> | ||
तोरा मन दर्पण कहलाये | तोरा मन दर्पण कहलाये | ||
− | |||
भले, बुरे सारे कर्मों को देखे और दिखाए | भले, बुरे सारे कर्मों को देखे और दिखाए | ||
− | |||
मन ही देवता मन ही इश्वर | मन ही देवता मन ही इश्वर | ||
− | |||
मन से बड़ा न कोई | मन से बड़ा न कोई | ||
− | |||
मन उजियारा ,जब जब फैले | मन उजियारा ,जब जब फैले | ||
− | |||
जग उजियारा होए | जग उजियारा होए | ||
− | |||
इस उजाले दर्पण पर प्राणी, धूल ना जमने पाए | इस उजाले दर्पण पर प्राणी, धूल ना जमने पाए | ||
− | |||
तोरा मन दर्पण कहलाये ....... | तोरा मन दर्पण कहलाये ....... | ||
− | |||
− | |||
सुख की कलियाँ, दुःख के कांटे | सुख की कलियाँ, दुःख के कांटे | ||
− | |||
मन सब का आधार | मन सब का आधार | ||
− | |||
मन से कोई बात छुपे न | मन से कोई बात छुपे न | ||
− | |||
मन के नैन हजार | मन के नैन हजार | ||
− | |||
जग से चाहे भाग ले कोई मन से भाग न पाये | जग से चाहे भाग ले कोई मन से भाग न पाये | ||
− | |||
तोरा मन दर्पण कहलाये ...... | तोरा मन दर्पण कहलाये ...... | ||
+ | </poem> |
20:49, 17 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण
तोरा मन दर्पण कहलाये
भले, बुरे सारे कर्मों को देखे और दिखाए
मन ही देवता मन ही इश्वर
मन से बड़ा न कोई
मन उजियारा ,जब जब फैले
जग उजियारा होए
इस उजाले दर्पण पर प्राणी, धूल ना जमने पाए
तोरा मन दर्पण कहलाये .......
सुख की कलियाँ, दुःख के कांटे
मन सब का आधार
मन से कोई बात छुपे न
मन के नैन हजार
जग से चाहे भाग ले कोई मन से भाग न पाये
तोरा मन दर्पण कहलाये ......