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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार: [[=तेजेन्द्र शर्मा]][[Category:कविताएँ]]}}[[Category:तेजेन्द्र शर्मा]]<poem>रास्ते ख़ामोश हैं और मंज़िलें चुपचाप हैंज़िन्दगी मेरी का मकसद, सच कहूं तो आप हैं
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~आपके आने से पहले चल रही थी ज़िन्दगीवो भला क्या ज़िन्दगी, जिसमें न शामिल आप हैं
रास्ते ख़ामोश हैं ज़िन्दगी भर ख्वाब में चेहरा जो हम देखा कियेवो न कोई और मंज़िलें चुपचाप हैं<br>ज़िन्दगी मेरी का मकसदथा, सच कहूं तो सपना भी मेरा आप हैं<br><br>
आपके आने से पहले चल रही थी ज़िन्दगी<br>मां की ममता, प्यार बीवी का सभी कुछ तुम ही होवो भला क्या ज़िन्दगीबेतक्कलुफ़ हो के भी, तुम तुम नहीं हो, जिसमें न शामिल आप हैं<br><br>
ज़िन्दगी भर ख्वाब में चेहरा जो हम देखा किये<br>वो न कोई और था, सपना भी मेरा आप हैं<br><br> मां की ममता, प्यार बीवी का सभी कुछ तुम ही हो<br>बेतक्कलुफ़ हो के भी, तुम तुम नहीं हो, आप हैं<br><br> आंख के आंसू में शामिल है ख़ुशी या फिर है गम<br>फर्क क्या पडता है, हर आंसू का कारण आप हैं<br><br/poem>
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