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कभी घूस खाई नहीं, किया न भ्रष्टाचार | कभी घूस खाई नहीं, किया न भ्रष्टाचार |
18:20, 25 मई 2009 का अवतरण
कभी घूस खाई नहीं, किया न भ्रष्टाचार
ऐसे भोंदू जीव को बार-बार धिक्कार
बार-बार धिक्कार, व्यर्थ है वह व्यापारी
माल तोलते समय न जिसने डंडी मारी
कहँ 'काका', क्या नाम पायेगा ऐसा बंदा
जिसने किसी संस्था का, न पचाया चंदा