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"मैदान / श्याम किशोर" के अवतरणों में अंतर

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10:16, 28 मई 2009 के समय का अवतरण

जहाँ तुम खड़े हो
वहीं से शुरू होता है एक हरा मैदान
यात्रा के लिए आमंत्रित करता हुआ ।

उसकी सीमा कहाँ है
सवाल बेमानी है
चलते-चलते
जहाँ पहुँच कर तुम रुक जाते हो
और मुड़कर पीछे देखते हो
वहीं ठहर जाता है मैदान ।

यानी, तुम्हीं से शुरू
और तुम्हीं पर ख़त्म हो जाता है मैदान ।