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प्यार के शब्द
तारों की तरह
दिपों की तरह
प्यार के शब्द
जगनुओं की तरह
जब तक
चमक लें
चमक लें
जीवन के अरण्य में
और वहीं
घृणा के अंगारमय शब्द
अगर कोई उच्चार जाए
लग जाए वह आग
कि धू-धू जलता रहे अरण्य दिन-रात