भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"निराला के नाम / केशव शरण" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केशव शरण |संग्रह=जिधर खुला व्योम होता है / केशव श...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:57, 29 मई 2009 के समय का अवतरण
पदों
और कुण्डलियों के आगे
केंचुआ छन्द को लाने वाला,
उसे कालातीत जीत दिलाने वाला
निराला ही हो सकता था।
इस केंचुआ छ्न्द द्वारा जोती हुई मिट्टी में
गुलाबों से शानदार कुकुरमुत्ता उगाने वाला
निराला ही हो सकता था।
आज उसी निराला के नाम
मेरा यह केंचुआ छन्द
और जुही की कलियाँ चन्द!