भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"फिर भी / शुभा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शुभा |संग्रह=}} <Poem> एक लम्बी दूरी एक आधा काम एक भ्...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
20:48, 29 मई 2009 के समय का अवतरण
एक लम्बी दूरी
एक आधा काम
एक भ्रूण
ये सभी जगाते हैं कल्पना
कल्पना से
दूरी कम नहीं होती
काम पूरा नहीं होता
फिर भी
दिखाई पड़ती है हंसती हुई
एक बच्ची रास्ते पर